अजब-गजब: यह है दुनिया का सबसे जहरीला मशरूम, जिसे खाना तो दूर, छूने मात्र से हो जाएंगे बीमार

रायबरेली से ब्यूरो चीफ,अर्जुन मिश्रा की रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क। मशरूम प्रोटीन और फाइबर का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से इसे सुपरफूड की श्रेणी में रखा गया है। यह एक प्रकार का कवक (फंगस) है, जो बरसात के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ पर अपने से ही उग जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि सभी तरह के मशरूम खाए नहीं जाते हैं, कुछ मशरूम जहरीले भी होते हैं। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे खतरनाक और जहरीले मशरूम की प्रजाति का पता लगाया है, जिसे खाना तो दूर की बात केवल छूने मात्र से ही बीमार हो सकते हैं।

लाल रंग का यह जहरीला कवक ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। हालांकि, इससे पहले जानकारों का मानना था कि यह कवक जापान और कोरिया जैसे एशियाई देशों में ही होता है। लेकिन यह कवक ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भी मिलता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जहरीले कवक की वजह से जापान और दक्षिण कोरिया में कई लोगों की मौत हुई है। लोगों ने इसे पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जाने वाला खाद्य कवक समझकर चाय में मिलाकर पी लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह कवक इतना जहरीला होता है कि इसे खाने से ऑर्गन फेल होने लगते हैं। इंसान के अंग कां करना बंद कर देते हैं और दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है। इतना ही नहीं इस कवक को छूने मात्र से ही शरीर में सूजन हो सकती है। जेम्स कुक विश्वविद्यालय (जेसीयू) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह एकमात्र ऐसा कवक है, जिसका जहर त्वचा के जरिए अवशोषित हो सकता है। पोडोस्ट्रोमा कॉर्नू-डामा नामक इस जहरीले कवक को सबसे पहले चीन में साल 1895 में खोजा गया था। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस कवक को इंडोनेशिया और न्यू पापुआ गिनी में भी देखा गया है।क्लिक करके हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर बैरेट ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में मशरूम को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है। यही वजह है कि अब तक इस जहरीले कवक का पता नहीं चल पाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह महीनों में ऑस्ट्रेलिया में 20 से अधिक ऐसी कवक की प्रजातियों की पहचान की गई है, जो अनदेखी थी।एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर बैरेट ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में मशरूम को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है। यही वजह है कि अब तक इस जहरीले कवक का पता नहीं चल पाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह महीनों में ऑस्ट्रेलिया में 20 से अधिक ऐसी कवक की प्रजातियों की पहचान की गई है, जो अनदेखी थी।

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