
नई दिल्ली, 21 सितंबर(आईएएनएस)। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने किसान बिलों के हो रहे भारी विरोध के बीच अहम प्रतिक्रिया दी है। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नए कानूनों को लेकर सरकार की मंशा भले ही नेक हो, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिससे विपक्ष को भ्रम फैलाने का मौका मिल रहा है। सरकार को बिलों को लेकर उठती आवाजों और किसानों की प्रतिक्रियाओं का समाधान करना होगा।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने आईएएनएस से कहा, बेहतर होता कि सरकार इन्हीं तीन बिलों में एमएसपी की गारंटी का जिक्र करती। अगर तीन बिलों में यह व्यवस्था नहीं हो सकी तो फिर सरकार को चौथा बिल लाकर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी देना चाहिए। सरकार को कानून बनाकर एमएसपी से कम रेट पर खरीद को गैर कानूनी घोषित कर देना चाहिए। क्योंकि जब तक किसान को उचित मूल्य सुनिश्चित नहीं होगा, तब तक हर व्यवस्था बेमानी है।
स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि किसानों की बार्गेनिंग पॉवर यानी मोल-भाव करने की क्षमता बहुत कम होती है। उनकी इसी मजबूरी का फायदा बाजार उठाता है। माना कि सरकार के दावे के मुताबिक नए कानूनों से न एमएसपी खत्म होगी और न ही मंडियों की सेहत पर कोई फर्क पड़ेगा, लेकिन सवाल उठता है कि नए कानूनों से जिन प्राइवेट प्लेयर्स के लिए रास्ता खुलेगा, इसकी क्या गारंटी है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत ही खरीद करेंगे।क्लिक करके हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
अश्विनी महाजन ने कहा कि सरकार तो न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की जिम्मेदारी निभाएगी, लेकिन ऐसा कानून होना चाहिए कि प्राइवेट खरीदारों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (#) पर खरीद करने की बाध्यता हो। अगर कोई एमएसपी से कम रेट पर खरीदे तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो। एमएसपी से कम रेट पर खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए।
आरएसएस की संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार को सुझाव देते हुए इस बिल के सभी पहलुओं पर बहस की मांग की है। सरकार से सभी हितधारकों की चिंताओं का उचित समाधान करने की दिशा में काम करने की भी अपील की है।
एनएनएम/जेएनएस
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