राज्यसभा: निलंबित सांसदों का धरना खत्म, विपक्ष करेगा मॉनसून सत्र का बहिष्कार, शरद पवार रखेंगे एक दिन का उपवास

रायबरेली से ब्यूरो चीफ,अर्जुन मिश्रा की रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में कृषि विधेयकों के खिलाफ हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे ने अब तूल पकड़ लिया है। सोमवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू द्वारा निलंबित किए गए आठ सांसद रातभर संसद भवन में ही धरने पर बैठे रहे। हालांकि मंगलवार को उन्होंने धरना खत्म कर दिया लेकिन विपक्ष ने मॉनसून सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान किया दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी इसका समर्थन किया है।

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने शेष मानसून सत्र का बहिष्कार करने की धमकी भी दी है। राज्यसभा में विपक्ष के आजाद ने कहा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, जिसमें आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करना और सरकार का एक और विधेयक लाना शामिल है, जिसके तहत कोई भी निजी कंपनी एमएसपी से नीचे की खरीद नहीं कर सकती है, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करना जारी रखेगा।

आजाद ने कहा, कोई भी इस सदन में हुई घटनाओं से खुश नहीं है। जनता चाहती है कि उनके नेताओं को सुना जाए। कोई भी उनके विचारों को केवल 2-3 मिनट में सामने नहीं ला सकता है। समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने निलंबित सदस्यों की ओर से उनके आचरण के लिए माफी मांगी और निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग की, लेकिन कहा, गलती दोनों पक्षों से हुई है।क्लिक करके हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, यह पहली बार नहीं है कि निलंबन हुआ है, बल्कि मैं मंत्री के प्रस्ताव के साथ आश्वस्त था। उन्होंने यह भी कहा कि, उपसभापति को हटाने की जो प्रक्रिया है वो उचित प्रारूप में नहीं है। उन्होंने उप सभापति का भी बचाव किया और कहा, आसन को दोष नहीं देना चाहिए।

शरद पवार रखेंगे एक दिन का उपवास
एनसीपी प्रमुख शरद पवार निलंबित सांसदों के समर्थन में हैं। वह सांसदों के लिए एक दिन का उवपास रखेंगे।

गौरतलब है कि, रविवार को सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ और सासंदों को सदन की गरिमा के साथ खिलवाड़ करते देखा गया। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के आसन के पास पहुंचकर नियम पुस्तिका का हवाला देते हुए माइक छीनने की कोशिश की थी। जब उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया, तो डेरेक ने बिल को काला कानून कहते हुए नियम पुस्तिका को ही फाड़ डाला। यहां तक कि कई विपक्षी सदस्य कृषि विधेयकों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सदन के वेल तक पहुंच गए।

सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति वेंकैया नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और माकपा के केके. रागेश और ई. करीम को निलंबित कर दिया था।

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